हे नाथ तुम्हारे चरणों में जीवन जीने की चाहत है,
हे प्रभु आप बिन सब सूना बस आप की मुझको आदत है
लीला तेरी कितनी सुन्दर, वो ग्वाल वाल, माखन चोरी
मैया से जाना रूठ-२, सो जाना सुन सुन्दर लोरी"
वो गोकुल कि रक्षा कर इंद्र प्रकोप से उसे बचाना
वो गोवर्धन पर्वत को अपनी इक ऊँगली पे उठाना
सुन्दर छवि प्यारे कृष्ण और बंशी की धुन प्यारी-२
गोपी संग श्यामा न्रत्य करें, राधा जाए वारी-२
वो शेषनाग के मुंह से लाना गेंद वाह लीला न्यारी
वो छेड़ सुदामा न्रत्य करें, राधा जाए वारी-२
वो कंस और उसकी सेना को धराशाई पल में करना
वो मथुरा नगरी को उसके चंगुल से क्या स्वतंत्र करना
हे कृष्ण देव देवाधि देव क्या सुन्दर बातें खूब कहीं
गीता का सुन्दर ज्ञान सखा अर्जुन को देना खूब सही
हर पल, हर घडी याद आयें तेरी लीला रास-रचैया
तेरे चरणों में ये जीवन बस पार लगाओ नैया..
No comments:
Post a Comment